Nagri Nagri Dware Dware-Film Mother India Video Song
“शाश्वत प्रेम Eternal Love Song”“
शाश्वत (Eternal) बहुत ही गंभीर शब्द है, कलयुग में भी शाश्वत प्रेम होता है क्या, अलबत्ता हिंदी फिल्मों में ज़रूर होता है.
“फिल्म मदर इंडिया का जोड़ा हुआ गीत शाश्वत प्रेम का सही उदहारण है”
फिल्म मदर इंडिया में राज कुमार और नर्गिस का शाश्वत प्रेम है, किंतु परिस्थितियों के कारण अपाहिज राजकुमार (दोनों हाथ पत्थर शिला के नीचे आने से कट जाते हैं) क़र्ज़ में डूबे हुए हालात से घबराकर गर्भवती नर्गिस और दो छोटे बेटों को छोड़कर चले जाते हैं.
नर्गिस दोनों बच्चों के साथ पागलों की तरह अपने पति को ढूंढती फिरती है.
नर्गिस के शाश्वत प्रेम की व्यथा, लता मंगेशकर ने बहुत करुण गायी है. गीत के बोल बहुत ही सशक्त है और साथ में भारतीय सादा सा संगीत, सारे गीत में कहीं भी नर्गिस राजकुमार को दोष नहीं देती है.
फिल्म – मदर इंडिया (प्रदर्शित 1957)
निर्माता निर्देशक – महबूब खान
गीतकार – शकील बदायूंनी
संगीतकार – नौशाद
गायक कलाकार – लता मंगेशकर
कलाकर – नरगिस – बाल कलाकार सुरेंद्र और साजिद खान
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, ढूंढूं रे साँवरीया,
पिया पिया रट के मैं तो हो गई रे भाँवरीया,
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, ढूंढूं रे सांवरिया,
बेदर्दी बालम ने मोहे, फूंका ग़म की आग में,
फूंका ग़म की आग में,
बिरहा की चिंगारी भर दी, दुखिया के सुहाग मैं,
दुखिया के सुहाग मैं,
पल पल मनवा रोय छलके, नैनो की गगरीया,
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, ढूंढूं रे साँवरीया,
पिया पिया रट के मैं तो हो गई रे भाँवरीया,
आई थी अखियों में लेकर, सपने क्या क्या प्यार के,
सपने क्या क्या प्यार के,
जाती हूं दो आंसू लेकर, आशाएं सब हार के,
आशाएं सब हार के,
दुनिया के मेले में लुट गई, जीवन की गठरीया,
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, ढूंढूं रे साँवरीया,
पिया पिया रट के मैं तो हो गई रे भाँवरीया,
दर्शन के दो भूखे नैना, जीवन भर ना सोयेंगे,
जीवन भर ना सोयेंगे,
बिछड़े साजन, तुम्हारे कारण, रातों को हम रोयेंगे,
रातों को हम रोयेंगे,
अब ना जाने, रामा कैसे, बीतेगी उमरीया,
नगरी नगरी द्वारे द्वारे, ढूंढूं रे साँवरीया,
पिया पिया रट के मैं तो हो गई रे भाँवरीया,
शायद यही शाश्वत प्रेम है, जिसके खो जाने का दर्द उम्र भर सहन करना है.
आशा है सही लिखा है, अगर सही न लगे, तो कृपया क्षमा करें.
(Image: Google Images)
(Video courtesy YouTube)