Acclaimed Bollywood Movies

Acclaimed Hindi Film–Mother India Released 1957

फिल्म मदर इंडिया  की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है –

फिल्म मदर इंडिया  की मुख्य विशेषताएं हैं

  • नरगिस, सुनील दत्त और कन्हैयालाल का अभिनय
  • निर्देशक महबूब खान का उम्दा और लाजवाब निर्देशन
  • गीतकार शकील बदायुनी द्वारा लिखे गए सभी सुपरहिट गाने
  • संगीतकार नौशाद द्वारा रचित सर्वश्रेष्ठ संगीत
  • सब से बड़ी बात मदर इंडिया टैक्नीकलर फिल्म है”

कलाकार

नरगिस

राज कुमार

राजेंद्र कुमार

सुनील दत्त

कहैयालाल

कुमकुम

मुकरी

शीला नायक

जिलो बाई

चंचल

अज़रा

  • फिल्म के सभी 12 गीत सुपर हिट हैं

1.  दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा,

जीवन है अगर ज़हर तो पीना ही पड़ेगा,

2.  नगरी नगरी, द्वारे द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया,

पिया पिया रट के मैं तो हो गई रे बाँवरीया,

नगरी नगरी, द्वारे द्वारे ढूँढूँ रे सांवरिया,

3. पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली,

4. घूंघट नहीं खोलूंगी सैयां तोरे आगे,

उमर मोरी बाली, शरम मोहे लागे,

उमर मोरी बाली, शर्म मोहे लागे,

घूंघट नहीं खोलूंगी सैयां तोरे आगे,

5. दुख भरे दिन बीते रे भैया अब सुख आयो रे,

रंग जीवन में नया लाओ रे,

6.  जिंदरिया कटती जाए रे, उमरिया घटती जाए रे

7. गाड़ी वाले गाड़ी धीरे हांक रे

8. ओ जाने वाले जाओ ना घर अपना छोड़ के,

माता बुला रही है तुम्हीं हाथ जोड़ के,

9. होली आई रे कन्हाई, रंग छलके, सुना दे जरा बांसुरी,

होली आई रे, आई रे, होली आई रे,

10. ना मैं भगवान हूं, ना मैं शैतान हूं,

दुनिया जो चाहे समझे, मैं तो इंसान हूँ,

11. मतवाला जिया डोले पिया, झूमे घटा, छाये रे बादल,

12. ओ’मेरे लाल आजा, तुझको गले लगा लूं,

दिल में तुझे छुपा लूं, ओ’मेरे लाल आजा,

कहानी

पूरी फिल्म फ्लैशबैक मोड (Flashback Mode) में है। फिल्म की शुरुआत बूढ़ी हो चुकी नरगिस से होती है जो गांव में एक नहर का उद्घाटन कर रही है। वह अपने अतीत को याद करती है, दृश्य शुरू होता है नरगिस की राजकुमार से शादी हो रही है।

राजकुमार की मां ने मकान गिरवी रखकर सूदखोर कन्हैयालाल से राजकुमार की शादी के लिए कर्ज़ा लिया है। कन्हैयालाल एक बहुत ही चालाक और क्रूर ज़मींदार है। पूरे गांव वालों ने उससे क़र्ज़ लिया है और उस पर भारी ब्याज चुकाया है, जबकि मूल राशि जीवन भर एक समान रहती है। अशिक्षित ग्रामीण हमेशा पीड़ित रहते हैं, क्योंकि कन्हैयालाल ने कोरे कागज़ पर सबके अंगूठे का निशान ले लिया है। क़र्ज़ की शर्त पर हमेशा विवाद होने के कारण ग्रामीण कन्हैयालाल के खिलाफ जाने से डरते हैं। राजकुमार की माँ की मृत्यु के बाद विवाद के कारण, नरगिस और राजकुमार अपनी फसल का 3/4 भाग कन्हैयालाल को ऋण के लिए ब्याज के रूप में देने के लिए मजबूर होते हैं, जो वर्षों से जस का तस बना हुआ है।

एक दिन चट्टानी भूमि पर काम करते हुए, राजकुमार के दोनों हाथ एक शिलाखंड से कुचले जाते हैं। अपाहिज राजकुमार पूरी तरह से अपनी पत्नी नरगिस पर निर्भर हैं। नरगिस  घर और खेत दोनों की देखभाल करती हैं। हर चीज के लिए अपनी पत्नी पर निर्भर रहने के कारण कन्हैयालाल असहाय राज कुमार को ताना मारते हैं। शर्मिंदा राज कुमार, अपनी गर्भवती पत्नी नरगिस, 3 बेटों और बूढ़ी माँ को छोड़ घर से भाग जाता है और कभी वापस नहीं आता है।

जल्द ही नरगिस की सास और उसके सबसे छोटे बेटे की मौत हो जाती है। प्राकृतिक आपदा बाढ़ और तूफान भी ग्रामीणों के जीवन को तबाह कर देता है, सारी फसल बर्बाद हो जाती है और नर्गिस समेत सभी गाँववासी कन्हैयालाल ही दया पर आश्रित हैं।

गर्भवती नरगिस परेशान है, उसके 2 बेटों के लिए खाना नहीं है, उसे डर है कि वह एक बार फिर भूख के कारण अपने बच्चे को खो देगी। उसकी गर्भावस्था गर्भपात में बदल जाती है। कन्हैयालाल उसकी बेबसी का फायदा उठाना चाहता है , और उसके बच्चों को खाना देने की कोशिश करता है, लेकिन भगवान उसे कन्हैयालाल के चंगुल से बचा लेते हैं। आपदा के कारण, सभी ग्रामीण गांव को खाली करने की कोशिश करते हैं, लेकिन नरगिस उन्हें वापस रहने और फिर से जीवन बनाने के लिए मनाती है।

कुछ वर्षों के बाद, नरगिस के दोनों बेटे युवा राजेंद्र कुमार और सुनील दत्त, हर काम में नरगिस की मदद करते हैं।  राजेंद्र कुमार शांत और सुनील दत्त उपद्रवी है । राजेंद्र कुमार की शादी कुमकुम से हुई है। कुमकुम, नरगिस और राजकुमार की पुराने दोस्त मुकरी और शीला नाइक की बेटी हैं।

सुनील दत्त कन्हैयालाल और उनकी बेटी चंचल से नफरत करता है । चंचल हमेशा नरगिस के गिरवी रखे हुए कंगन पहनकर सुनील दत्त को भड़काती हैं। गुस्से में सुनील दत्त बेहद खतरनाक हो जाता है। वह कन्हैयालाल पर हमला करता है और कंगन चुरा लेता है।

कन्हैयालाल अपने प्रभाव का उपयोग करता है, जो सुनील दत्त को गांव छोड़ने के लिए मजबूर करता है। सुनील दत्त बगावत पर आमादा होकर डाकू बन जाता है, और कन्हैयालाल और उनकी बेटी चंचल को बर्बाद करने की कोशिश करता है नरगिस कन्हैयालाल से वादा करती है कि सुनील दत्त उन्हें और उनकी बेटी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और उसे गांव वापस आने की अनुमति दें।

चंचल की शादी के दिन सुनील दत्त बदला लेने के लिए अपने डाकू गिरोह के साथ गांव में प्रवेश करता है। वह कन्हैयालाल को मारता है और चंचल का अपहरण करता है। जब वह अपने घोड़े पर चंचल के साथ गांव से भागने की कोशिश करता है, तब नरगिस उसे गोली मार देती है, वह अपनी मां की बाहों में मर जाता है।

यहाँ फ्लैश बैक खत्म हो जाता है, नरगिस नहर का दरवाजा खोलती है और उसकी आँखों से दर्शकों को खेतों में लाल पानी बहता हुआ दिखाई देता है।

मदर इंडिया फिल्म ने बहुत सारे पुरस्कार जीते हैं।

मदर इंडिया बहुत ही उत्तम फिल्म है, एक बार देखना तो बनता है।

(Image: Google Images)

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