“अभिनेत्री शर्मीला टैगोर अपनी पहली फिल्म कश्मीर की कली में ही छा गयी थीं”
गीत – दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
फिल्म – कश्मीर की कली
गीतकार – एस. एच. बिहारी
संगीतकार – ओ. पी. नय्यर
गायक – मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले
कलाकार – शम्मी कपूर और शर्मीला टैगोर
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल, सावन की घटा छाई,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
ऐसी तो मेरी तक़दीर न थी,
तुमसा जो कोई महबूब मिले,
दिल आज ख़ुशी से पागल है,
दिल आज ख़ुशी से पागल है,
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले,
ऐ जान-ए-वफ़ा तुम खूब मिले,
दिल क्यों न बने पागल,
क्या तुमने अदा पाई,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
जब तुम से नज़र टकराई सनम,
जज़्बात का एक तूफ़ान उठा,
तिनके की तरह मैं बह निकली,
तिनके की तरह मैं बह निकली,
सैलाब मेरे रोके न रुका,
सैलाब मेरे रोके न रुका,
जीवन में मची हलचल,
और बजने लगी शहनाई,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
है आज नए अरमानो से,
आबाद मेरे दिल की नगरी,
बरसों से ख़िज़ाँ का मौसम था,
बरसों से ख़िज़ाँ का मौसम था,
वीरान बड़ी दुनिया थी मेरी,
वीरान बड़ी दुनिया थी मेरी,
हाथों मेरा तेरा आँचल,
आया के बहार आयी,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
ये देख के दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई,
दीवाना हुआ बादल,
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