लता मंगेशकर के गाए हुए, हम सब के पसंदीदा, दस मुझरा गीत –
1. दिलदार के क़दमों में दिल डाल के नज़राना
महफ़िल से उठा और ये कहने लगा दीवाना,
अब आगे तेरी मर्ज़ी,
ओ मोरे सइयां, मोरे बलमा बेदर्दी,
अब आगे तेरी मर्ज़ी,
फिल्म – देवदास – (प्रदर्शित वर्ष 1955)
गीतकार – साहिर लुधियानवी
संगीतकर – सचिन देव बर्मन
कलाकार – वैजयंतीमाला और दिलीप कुमार
2. प्यार किया तो डरना क्या,
जब प्यार किया तो डरना क्या,
प्यार किया कोई चोरी नहीं की,
छुप छुप आहें भरना क्या,
जब प्यार किया तो डरना क्या,
फिल्म – मुग़ल-ए-आज़म – (प्रदर्शित वर्ष 1960)
गीतकार – शकील बदायुनी
संगीतकार – नौशाद
कलाकार – मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर,
दिलीप कुमार, दुर्गा खोटे, और अन्य
3. रात भी है कुछ भीगी भीगी,
चाँद भी है कुछ मध्यम मध्यम,
तुम आओ तो ऑंखें खोलें,
सोई हुई पायल की छम छम,
फिल्म – मुझे जीने दो – (प्रदर्शित वर्ष 1963)
गीतकार – साहिर लुधियानवी
संगीतकार- जयदेव
कलाकार – वहीदा रेहमान, सुनील दत्त और अन्य
4. वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं,
जो बात करलें तो बुझते चिराग जलते हैं,
वो चुप रहें तो मेरे दिल के दाग़ जलते हैं,
फिल्म – जहाँ आरा – (प्रदर्शित वर्ष 1964)
गीतकार-राजेन्द्र कृष्ण
संगीतकार – मदन मोहन
कलाकार – मीनू मुमताज़ और भारत भूषण
5. अगर दिलबर की रुसवाई हमें मंज़ूर हो जाए,
सनम तू बेवफा के नाम से मशहूर हो जाए,
फिल्म – खिलौना – (प्रदर्शित वर्ष 1970)
गीतकार – आनंद बख्शी
संगीतकार – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
कलाकार – मुमताज़ और शत्रुघ्न सिन्हा
6. ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं,
वहां ले जाते हैं कश्ती, जहाँ तूफ़ान होते हैं,
ज़माने में अजी ऐसे कई नादान होते हैं,
फिल्म – जीवन मृत्यु – (प्रदर्शित वर्ष 1970)
गीतकार – आनंद बख्शी
संगीतकार – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
कलाकार – ज़ेब रेहमान, धर्मेंद्र, अजित,
रमेश देव, कन्हैयालाल, और राजेंद्र नाथ
7. शरीफों का ज़माने में, अजी बस हाल वो देखा,
के शराफत छोड़ दी मैंने,
फिल्म – शराफत – (प्रदर्शित वर्ष 1970)
गीतकार – आनंद बख्शी
संगीतकार – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
कलाकार – धर्मेंद्र और हेमा मालिनी
8. थारे रहियो, ओ बांके यार रे, थारे रहियो,
थारे रहियो, थारे रहियो,ओ बांके यार र
फिल्म – पाकीज़ा – (प्रदर्शित वर्ष 1972)
गीतकार – मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार – गुलाम मुहम्मद
कलाकार – मीना कुमारी, कमल कपूर और अन्य
9. चलते चलते, चलते चलते,
यूंही कोई मिल गया था, यूंही कोई मिल गया था,
सरे राह चलते चलते, सरे राह चलते चलते,
वहीं थम के रह गई है वहीं थम के रह गई है,
मेरी रात ढलते ढलते मेरी रात ढलते ढलते,
यूंही कोई मिल गया था, यूंही कोई मिल गया था,
फिल्म – पाकीज़ा – (प्रदर्शित वर्ष 1972)
गीतकार – मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार – गुलाम मुहम्मद
कलाकार – मीना कुमारी और अन्य
10. इन्हीं लोगों ने इन्हीं लोगों ने इन्हीं लोगों ने,
इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा,
इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा मेरा,
फिल्म – पाकीज़ा – (प्रदर्शित वर्ष 1972)
गीतकार – मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार – गुलाम मुहम्मद
कलाकार – मीना कुमारी और अन्य
(Video courtesy YouTube)
(Image: Google Images)
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