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Acclaimed Hindi Film-Heer Ranjha (Released 1970)

फिल्म – हीर रांझा (प्रदर्शित 1970)

निर्माता – केतन आनंद

निर्देशक – चेतन आनंद

कहानी – वारिस शाह

गीतकार – कैफ़ी आज़मी   

संगीतकार – मदन मोहन

कलाकार

राज कुमार

प्रिया राजवंश

पृथ्वीराज कपूर

जयंत

प्राण

अजीत

अचला सचदेव

कामिनी कौशल

इंद्राणी मुखर्जी

शौकत आज़मी

ज़ेब रहमान

जीवन

उल्हास

सप्रू

गीत

1. ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं

2. तेरे कूचे में तेरा दीवाना, आज दिल खो बैठा

3. मिलो न तुम तो हम घबरायें,

मिलो तो आँख चुराएं, हमे क्या हो गया है

4. मेरी दुनिया में तुम आयी, क्या क्या अपने साथ लिए,

तन की चाँदी, मन का सोना, सपनों वाली रात लिए,

5.नाचे अंग वे

6. डोली चड़ते हीर ने बैन किये

7. दो दिल टूटे, दो दिल हारे, ऐ दुनिया वालो सदके तुम्हारे

कहानी संक्षेप में

प्रिया राजवंश (हीर) और राज कुमार (रांझा) एक दुसरे से प्यार करते हैं, लेकिन अपने परिवार की दुश्मनी के कारण एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं, क्योंकि उनकी शादी के दिन, हीर के मामा प्राण प्यार से हीर को जहरीली मिठाई खाने के लिए देते हैं। वह जहरीली मिठाई खाती है और मर जाती है। बची हुई जहरीली मिठाई राजकुमार खाता है, और वो भी हीर के पास ही दम तोड़ देता है। दोनों प्रेमियों को एक ही जगह दफनाया जाता है।

पंजाब कई दुखद प्रेम कहानियों के लिए प्रसिद्ध है, हीर रांझा अपने समय की सबसे प्रसिद्ध प्रेम कहानी है।

फिल्म में यादगार गीत हैं। संवाद भी ख़ास शैली से बोले गए है, कैफ़ी आज़मी साब ने सुंदर और संवेदनशील संवाद लिखे हैं। हीर रांझा एक अनोखी फिल्म है।

कहानी विस्तार में

रांझा (राज कुमार), अपने सात अमीर बड़े भाइयों और उनके परिवार के साथ तख्त हज़ारा गाँव में एक बड़े घर में रहता है।  रांझा (राज कुमार) सुंदर तो है, पर बेपरवाह पर भी है। रांझा (राज कुमार) झंग गाँव जाने की योजना बनाता है जहाँ उसके एक करीबी दोस्त की शादी हो रही है। उसका परिवार उसे रोकता है क्योंकि तख्त हज़ारा गाँव और झंग गाँव के लोग सदियों से कट्टर दुश्मन रहे हैं। रांझा (राज कुमार) उनकी चेतावनी को नज़रअंदाज़ करके शादी के लिए निकल पड़ता है।

शादी में नृत्य के दौरान, उसकी मुलाक़ात झंग गाँव के एक ज़मींदार की आकर्षक बेटी, हीर (प्रिया राजवंश) से होती है। रांझा (राज कुमार) उसकी सुंदरता और लावण्य पर मोहित हो जाता है। बाद में, अपनी सहेलियों के साथ लुका-छिपी खेलते समय, हीर (प्रिया राजवंश) अनजाने में रांझा (राज कुमार) को पकड़ लेती है। रांझा (राज कुमार) उससे मिलने की इच्छा व्यक्त करता है। जब हीर (प्रिया राजवंश) को पता चलता है कि रांझा (राज कुमार) दुश्मन के गाँव से आया है, तो हीर (प्रिया राजवंश)  उसकी जान के लिए डर जाती है और रांझा (राज कुमार) को वहाँ से चले जाने के लिए कहती है। रांझा (राज कुमार) जाने से इनकार कर देता है। वह वादा करता है कि जब तक चिनाब नदी बहती रहेगी, वह झंग गाँव में रहेगा। हीर(प्रिया राजवंश)  बहुत खुश होती है और अपने माता-पिता को रांझा (राज कुमार) को अपना चरवाहा बनाने के लिए मना लेती है। वे बिना जाने बूझे रांझा (राज कुमार) को चरवाहा बनाने के लिए मान जाते हैं।

हीर (प्रिया राजवंश) नियमित रूप से रांझा (राज कुमार) के लिए खाना लाती है और उनके बीच गहरी दोस्ती हो जाती है। रांझा (राज कुमार) अपने प्यार का इज़हार करता है और पूछता है कि क्या वह भी उस से प्यार करती है। जवाब देने में असमर्थ, हीर (प्रिया राजवंश) अपने घर भाग जाती है। अगले दिन, हीर (प्रिया राजवंश) गाँव के मेले में रांझा (राज कुमार) से मिलने का इंतज़ार करती है। हीर (प्रिया राजवंश) को निराशा होती है, जब रांझा (राज कुमार) वहां नहीं आता है। हीर (प्रिया राजवंश)  रांझा (राज कुमार) के घर जाती है और पूछती है कि वह उससे मिलने क्यों नहीं आया। शांत रांझा (राज कुमार) जवाब देता है कि वह अभी भी अपने प्यार के प्रस्ताव के जवाब का इंतज़ार कर रहा है। एक गीत के माध्यम से, हीर (प्रिया राजवंश)  प्रकट करती है कि वह उससे प्यार करती है। रांझा (राज कुमार) खुश होता है। हीर (प्रिया राजवंश)  की माँ और सहेलियां उसे खोजने आते हैं। उनसे छिपने की कोशिश में, हीर (प्रिया राजवंश) पास की नदी में गिर जाती है और लगभग डूब जाती है। रांझा (राज कुमार) अपनी जान जोखिम में डालकर हीर (प्रिया राजवंश) को बचाता है। हीर (प्रिया राजवंश) के पिता बड़े चौधरी (जयंत) रांझा (राज कुमार) को इनाम के तौर पर एक मोटी रकम देते हैं। इनाम के पैसों से वह हीर (प्रिया राजवंश) को रिझाने के लिए नए कपड़े, गहने और उपहार खरीदता है। दोनों प्रेमी हीर (प्रिया राजवंश) की सहेलियों की मदद से छिप-छिपकर मिलते रहते हैं।

हीर (प्रिया राजवंश) के मामा, छोटे चौधरी (प्राण), गाँव आते हैं। छोटे चौधरी (प्राण), पैरों से अपाहिज हैं, इसी कारण वे शादी नहीं कर पाए हैं, इसलिए जब वह लोगों को प्यार करते या शादी करते देखते हैं, तो उन्हें बहुत गुस्सा आता है। छोटे चौधरी (प्राण), बगीचे में हीर (प्रिया राजवंश)  और रांझा (राज कुमार) को गले लगते हुए देखते हैं। छोटे चौधरी (प्राण), ईर्ष्या से भर जाते हैं। इससे पहले कि हीर (प्रिया राजवंश) अपने माता-पिता को रांझा (राज कुमार) के बारे में बता पाती, छोटे चौधरी (प्राण), उनके परिवार के सामने उनके प्रेम-प्रसंग का खुलासा कर देते हैं। हीर (प्रिया राजवंश)  की माँ (वीना) के साथ मिलकर, छोटे चौधरी (प्राण), रांझा को बाँध देते हैं और उससे छुटकारा पाने की योजना बनाते हैं। वे हीर (प्रिया राजवंश)  की शादी सईदा (अजीत) नाम के एक अमीर आदमी से करवाने की योजना बनाते हैं।

अपनी इकलौते बेटी हीर (प्रिया राजवंश) को टूटा हुआ और व्याकुल देखकर, बड़े चौधरी (जयंत) रांझा (राज कुमार)  को आज़ाद कर देते हैं। उनके गाँवों के बीच दुश्मनी के बावजूद, वह रांझा (राज कुमार)  से अपने परिवार को साथ लाने और सुलह करने के लिए कहते हैं। रांझा (राज कुमार) बहुत खुश होकर,  घर लौटता है और अपने भाइयों से हीर (प्रिया राजवंश) के परिवार से बात करने को कहता है। रांझा (राज कुमार) के परिवार के सदस्य दुश्मन लोगों के साथ सुलह की संभावना से हैरान और खुश होते हैं। लेकिन छोटे चौधरी (प्राण) गुंडों को काम पर लगा देता है जो रांझा (राज कुमार) के परिवार को अपमानित करते हैं और गाँव में घुसने से रोकते हैं। रांझा (राज कुमार) के भाइयों को लगता है कि यह उन्हें अपमानित करने की एक साजिश है। वे रांझा (राज कुमार) को एक कमरे में बंद कर देते हैं और रांझा (राज कुमार) बात करने से इनकार कर देते हैं।

झंग गाँव के बड़े-बूढ़े लोग बड़े चौधरी (जयंत) से कहते हैं कि वह हीर (प्रिया राजवंश) की शादी करवा दे क्योंकि हीर (प्रिया राजवंश) दूसरी युवतियों के लिए एक बुरी मिसाल कायम कर रही है। दबाव में आकर, बड़े चौधरी (जयंत),  हीर (प्रिया राजवंश) के बार-बार मना करने के बावजूद, हीर (प्रिया राजवंश) की शादी सईदा (अजीत) से करवाने के लिए राज़ी हो जाते हैं। शादी करवाने वाला काज़ी, छोटे चौधरी (प्राण) से रिश्वत लेता है और झूठ बोलता है कि हीर (प्रिया राजवंश) ने शादी का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।

हीर (प्रिया राजवंश) को जबरन सईदा (अजीत) के घर ले जाया जाता है। रांझा (राज कुमार)   अपने घर से भाग जाता है और हीर (प्रिया राजवंश) के पिता पर अपना वादा तोड़ने का गुस्सा उतारता है। बदले में हीर (प्रिया राजवंश) के पिता उसे गद्दार कहते हैं। बातचीत के दौरान, दोनों को समझ आता है कि इस साज़िश के पीछे कौन था – छोटे चौधरी (प्राण)। सईदा (अजीत) के घर में, हीर (प्रिया राजवंश) उसे समझाती है कि उनकी शादी अवैध है, क्योंकि वह शादी के लिए कभी राज़ी नहीं हुई थी। सईदा (अजीत) उसकी बात मानने से इनकार कर देता है और उसके साथ ज़बरदस्ती करने की कोशिश करता है। हीर (प्रिया राजवंश) उसका विरोध करती है और सिर्फ़ रांझा (राज कुमार)  से अपने प्यार का इज़हार करती है। सईदा (अजीत) की छोटी बहन ठीक समय पर आकर हीर (प्रिया राजवंश) की मदद करती है। हीर (प्रिया राजवंश) सईदा (अजीत) के घर में नौकरानी की तरह रहती है।

कुछ हफ़्ते बाद, रांझा (राज कुमार) दर बद्दर घूमने लगता है, और सईदा (अजीत) के गाँव पहुँच जाता है, बिना यह जाने कि हीर (प्रिया राजवंश) वहाँ है। सईदा (अजीत) के घर पहुँचकर, रांझा (राज कुमार), हीर (प्रिया राजवंश) को देखकर खुशी से फूला नहीं समाता। हालाँकि हीर (प्रिया राजवंश), रांझा (राज कुमार) पहले पहचान नहीं पाती, लेकिन उसे एहसास होता है कि रांझा (राज कुमार) भेष बदलकर आया है। उसी रात, हीर (प्रिया राजवंश) सईदा (अजीत) के घर से भाग जाती है और रांझा (राज कुमार) से मिलती है।

सईदा (अजीत) के आदमी उन्हें पकड़ लेते हैं और बेरहमी से घसीटकर सईदा (अजीत) के घर ले जाते हैं। लेकिन वहां के राजा (पृथ्वीराज कपूर) के सैनिक, जो वहाँ से गुज़र रहे थे, उन्हें बचा लेते हैं। सैनिक उन्हें मामला सुलझाने के लिए राजा (पृथ्वीराज कपूर) के पास ले जाते हैं। हीर (प्रिया राजवंश) और सईदा (अजीत) से मामला सुनकर राजा (पृथ्वीराज कपूर)  उलझन में पड़ जाते हैं। छोटे चौधरी (प्राण) और काज़ी, हीर (प्रिया राजवंश)  को झूठा बताते हैं और मौत की सजा देने को कहते हैं। हालाँकि, रांझा (राज कुमार) का एक दोस्त, जो एक गूंगा दर्जी है, अदालत में गवाही देता है कि उसने काज़ी को छोटे चौधरी (प्राण) से रिश्वत लेते देखा था।

राजा (पृथ्वीराज कपूर) हीर (प्रिया राजवंश)  और रांझा (राज कुमार) के पक्ष में फैसला सुनाते हैं। हीर (प्रिया राजवंश)  और रांझा (राज कुमार) का परिवार मिलकर दोनों की धूमधाम से शादी रचाते हैं। रांझा (राज कुमार) बड़ी धूमधाम से हीर (प्रिया राजवंश)  को पालकी में बिठाकर अपने घर ले जाता है। घर पहुँचने पर हीर (प्रिया राजवंश)  मृत पाई जाती है। पता चलता है कि छोटे चौधरी (प्राण) ने हीर (प्रिया राजवंश)  को प्यार से जहरीली मिठाई खिला दी थी। अपनी प्रेमिका हीर (प्रिया राजवंश) को मरा हुआ देखकर दुखी रांझा (राज कुमार) भी मर जाता है। दोनों परिवार सदमे में हैं और दोनों प्रेमियों के जाने का शोक मना रहे हैं।

(Image: Google Images)

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