Acclaimed Hindi Film-Sansar

फिल्म – संसार (प्रदर्शित 1987)

निर्माता – ए. पूर्णचन्द्र राव

निर्देशक – टी. रामा राव

कथाकार – विसु

गीतकार – आनंद बक्शी

संगीतकार – लक्ष्मीकांत प्यारेलाल

एडिटर – वी बालसुब्रमनियम

       जे. कृष्णास्वामी

सिनेमाटोग्राफर – एम. वी. रघु

(ये फिल्म तमिल फिल्म संसारम आधु मिनसारम की रीमेक है)

मुझे लगता है कि सभी फ़िल्मी कहानियाँ लेखक की  कल्पना से उत्पन्न नहीं होती हैं, कुछ कहानियाँ यथार्थ जैसी लगती हैं. कभी कभी कोई फ़िल्मी सीन सचमुच कहीं घटा है ऐसा लगता है.

1987 में प्रदर्शित फिल्म “संसार” प्रासंगिक लगती है. हूबहू नहीं पर कहीं ना कहीं इस फिल्म की कहानी मध्यम वर्ग के परिवार की ज़िन्दगियों से मेल खाती है.

असलियत में माता पिता अपनी सीमित पूंजी से सारा जीवन बच्चों को पढ़ाने लिखाने और परवरिश करने में गुज़ार देते हैं. जब सेवानिवृत्त होते हैं, तब तक बड़े बेटे की शादी हो जाती है, किन्तु बच्चे सक्षम होने के बावजूद भी अपने छोटे भाई बहनों की ज़िम्मेदारी लेना नहीं चाहते है. ऐसे में घर के वातावरण में और रिश्तों में कटुता आती है.

सभी बच्चों को उनकी मनमर्ज़ी की पढाई करने के बावजूद भी कभी कभी अच्छी और सही नौकरी नहीं मिल पाती है, तब छुट्टी मुट्टी नौकरी करनी पड़ती है.

माता पिता की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर बच्चे शादी करते है, जब होश आता है तब तक बहुत देर हो जाती है, तब समझौता करने और पछताने के सिवा कुछ हाथ नहीं आता है.

मध्यम वर्ग के माता पिता जीवन की संध्या में कभी कभी अपनी खुद की गलतियों की वजह से मायूसी भरी ज़िन्दगी जीते हैं, “तू होके बड़ा बन जाना अपनी माता का रखवाला” – ये सन्देश गीत में ही सही लगता है, जब कि सच्चाई से कोसो दूर है.

संसार फिल्म में बड़ा परिवार है.

कथा

फिल्म एक पोस्टमास्टर के परिवार की उथल-पुथल पर आधारित है। फिल्म बच्चों और उनके माता-पिता के बीच अहंकार के टकराव के कारण परिवार के बीच की दरार को प्रस्तुत करती है।

परिवार में पिता अनुपम खेर, उनकी पत्नी सीमा देव, उनके बड़े बेटे राज बब्बर, जो एक सरकारी कर्मचारी हैं, राज बब्बर की पत्नी रेखा है.  दूसरे बेटे अजिंक्य देव, एक कार मैकेनिक हैं।, सबसे छोटा बेटा हरीश, स्कूल पास करने के लिए संघर्ष कर रहा है, और उनकी बेटी अर्चना जोगलेकर, जो एक निजी कंपनी में काम कर रही है।

अर्चना जोगलेकर, अपनी शादी के एक संभावित उम्मीदवार को अस्वीकार कर देती है,  वह एक ईसाई लड़के शेखर सुमन से शादी करना चाहती है, जो उसके कार्यालय में काम करता है. माता पिता की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ शादी भी कर लेती है.

अजिंक्य देव की पत्नी प्रियंका है. प्रियंका अपने छोटे देवर हरीश को पढ़ाई में मदद करती है. और अजिंक्य देव को समय नहीं दे पाती है, जिस की वजह से उनके विवाहित जीवन पर प्रभाव पड़ता है.

रेखा गर्भवती है, प्रसव के लिए अपनी माँ के घर चली जाती है और कुछ महीनों के बाद बच्चे के साथ लौट आती है।

उसकी अनुपस्थिति में, अर्चना जोगलेकर की शेखर सुमन और ससुर (शफी इनामदार) के साथ तुच्छ मुद्दों पर बहस होती है, अर्चना जोगलेकर अपनी नौकरी छोड़ देती है और गुस्से में मायके लौट आती है।

रेखा की अनुपस्थिति में, राज बब्बर अपनी माँ सीमा देव को घर खर्च देने में आना कानी करता है, उसका अपना परिवार है राज बब्बर ये वजह बताता है. रिश्तों की खींचा-तानी की वजह से अनुपम खेर राज बब्बर को अपना अलग घर बसाने को कहते हैं, किन्तु राज बब्बर बहन अर्चना जोगलेकर के ब्याह पर लगाये हुए पैसों की मांग करता है, और घर छोड़ने पर तैयार नहीं होता है . तब अनुपम खेर घर के बीचों बीच लकीर खींच देते हैं और राज बब्बर को अपनी ज़िन्दगी से बेदखल कर देते हैं. अनुपम खेर के इस फैसले से घर का कोई भी सदस्य सहमत नहीं होता है, किन्तु उनका फैसला टालने की किसीकी हिम्मत नहीं है. यह सब रेखा की गैरहाजिरी में होता है,

अनुपम खेर  स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, राज बब्बर को पैसे वापस देने के लिए  एक सुरक्षा गार्ड और एक दुकान पर डबल शिफ्ट में काम करना शुरू कर देता है ।

रेखा ससुराल वापस आने के बाद समझदारी से अपनों की अस्त व्यस्त ज़िन्दगी को ठीक करती है. वह घर की नौकरानी अरुणा ईरानी और सास सीमा देव के साथ मिलकर परिवार को एक साथ लाती है।

सभी कलाकारों ने फिल्म में उत्तम अभिनय किया है, पर अनुपम खेर और रेखा हर फ्रेम में छाये हुए हैं.

फिल्मों में 3 घंटे में सब कुछ ठीक हो जाता है, किंतु असली जीवन में यह संभव नहीं है. काश जीवन भी चलचित्र की भांति होता, सब कुछ ठीक हो जाता.

फिल्म के गीत बहुत ही उत्तम हैं –

  1. देखिये ये संसार है

गायक कलाकार – एस. पी. बालसुब्रमनियम

  • बूढ़ा हो गया घोड़ा

गायक कलाकार – एस. पी. बालसुब्रमनियम

  • आज मैं बहुत खुश हूँ

गायक कलाकार – एस. पी. बालसुब्रमनियम, सुरेश वाडकर और कविता कृष्णमूर्ति

  • राधा रानी

गायक कलाकार – अनुराधा पौडवाल

  • सो जा सो जा

गायक कलाकार – अनुराधा पौडवाल

पाठकों ने अगर ये फिल्म नहीं देखी है तो एक बार तो देखना बनता है.

(Image: Google Images)

Geeta Chadda: