Song – Ek Hans Ka Joda (एक हंस का जोड़ा)
फिल्म – लाजवंती (प्रदर्शित 1958)
गीतकार – मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार – राहुल देव बर्मन
गायक कलाकार – आशा भोसले और अन्य
कलाकार – नरगिस और बाल कलाकार
गीत –
कुछ दिन पहले एक ताल में,
कमल कुंज के अंदर,
रहता था, एक हंस का जोड़ा,
एक हंस का जोड़ा
कुछ दिन पहले एक ताल में,
कमल कुंज के अंदर,
रहता था, एक हंस का जोड़ा,
एक हंस का जोड़ा,
रोज़ रोज़ रोज़ भोर होते ही जब,
खिल जाते कमल,
दूर दूर दूर मोती चुगने को हंस,
घर से जाता निकल,
संध्या होते घर को आता झूम-झूम के,
कुछ दिन पहले एक ताल में,
कमल कुंज के अंदर,
रहता था, एक हंस का जोड़ा,
एक हंस का जोड़ा,
जब जब जब छिप जाता था दिन,
तारे जाते थे खिल,
सो जाते हिल-मिल के वो दोनों,
जैसे लहरों के दिल,
चंदा हँसता दोनों के मुख चूम चूम के,
कुछ दिन पहले एक ताल में,
कमल कुंज के अंदर,
रहता था, एक हंस का जोड़ा,
एक हंस का जोड़ा,
थी उनकी एक नन्हीं सी बेटी,
छोटी सी हंसनी,
दोनों के नैनों की वो ज्योति,
घर की रौशनी,
ममता गाती और मुस्काती झूम झूम के,
कुछ दिन पहले एक ताल में,
कमल कुंज के अंदर,
रहता था, एक हंस का जोड़ा,
एक हंस का जोड़ा,
फिर एक दिन ऐसा तूफ़ान आया,
चली ऐसी हवा,
बेचारी हंसा उड़ गई रे,
हो के सबसे जुदा,
सागर सागर रोती हैं अब घूम-घूम के,
घूम घूम के,
(Image: Google Images)
(Video courtesy YouTube)